Vichhar : Arvind Kejriwal and Corruption in India
अरविन्द केजरीवाल की नाकामी ने ही मोदी को बढ़त दी है वरना एक समय सारी जनता इस भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ने के लिए उठ खड़ी हुई थी और अन्ना टीम के साथ जम कर सहयोग किया था
हिंदुस्तान में जनता भ्रस्टाचार से पीड़ित है और आज भी ब्रिटिश हुकूमत एक नए अंदाज - काले अंग्रेजों के रूप में कायम है
सरकारी कर्मचारी इन काले अंग्रेज / अधिकारियों के प्रति जवाब देह हैं न की जनता के प्रति
क्यूंकि सारी लगाम (प्रमोशन , ट्रांसफर , बिल पास करना , फर्जी हाजिरी को जायज करना इत्यादि ) इन काले अंग्रेजों के हाथ में है तो आम जनता से इनका क्या मतलब
केजरीवाल की विचारधारा बहुत ही अच्छी थी , लेकिन उनकी नियत के प्रति लोगों के मन में डर बैठ गया , जिसके कुछेक कारण निम्न हैं -
१. जिस कांग्रेस के खिलाफ केजरीवाल दिल्ली में लड़कर चुनाव जीते और ऐसी किसी पार्टी से समर्थन न लेने और न देने की बात कही । फिर बाद में
उसी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस से बहुत गलत सन्देश गया
२. बिजली के बिल न भरने वालों को 50 % सब्सिडी की घोषणा करना , जबकि बहुत से लोगों ने बिजली का पूरा बिल भरकर शुल्क जमा किया
इस से भी गलत सन्देश गया ।
उपरोक्त मामला कोर्ट गया , और पी आई एल में कहा गया की जिन लोगों ने बिजली का बिल नहीं अदा किया था उनको दंड की जगह इनाम दिया जा रहा है
कोर्ट ने फिलहाल ऐसी सब्सिडी पर रोक लगा दी
मेरा मानना है कि सब्सिडी दी भी जानी चाहिए तो सभी उपभोक्ताओं को दी जानी चाहिए
३. केजरीवाल के मंत्री सोमनाथ भारती , राखी बिड़लान की करतूतों पर केजरीवाल ने कोई सफाई नहीं दी ।
जैसा की टी वी न्यूज़ में दिखाया गया - सोमनाथ भारती पतंग उड़ा रहे थे और दस्त का बहाना बना कर महिला आयोग नहीं गए ।
उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों से श्रेष्ठ व्यवहार की अपेक्षा होती है और अगर ऐसे व्यक्ति बहाने बजी जैसा काम करंगे तो फिर आम आदमी
से क्या अपेक्षा करी जाएगी ।
राखी बिड़लान की कार का शीशा बच्चे की गेंद द्वारा टूटने और बच्चे द्वारा माफी मांग लेने के बावजूद भी ऍफ़ आई आर दर्ज कराना समझ से परे था
राखी बिड़लान विधान सभा के पहले दिन ऑटो से पहुँची और उसके अगले दिन टयोटा - इनोवा गाड़ी से पहुँची , उसके बाद आम आदमी पार्टी की उनकी
अलग परिभाषा है ।
और अभी हाल ही में राखी बिड़लान ने लाइन तोड़कर वोट डाला
ये सभी कृत्य दुखद हैं और लगता है आम आदमी पार्टी में बहुत से लोग सत्ता लाभ के लिए शामिल हो गए हैं
४. केजरीवाल कश्मीर पर बोलने से कतराते रहे जबकि उनकी पार्टी के सदस्य प्रशांत भूषण कश्मीर में वोटिंग के जरिये कश्मीर को देश से स्वतंत्र करने की बात कह रहे थे ।
देश की अखंडता और मजबूती के लिए देश को एक बनाये रखना जरूरी है अन्यथा देश में सभी जाती , धर्म , क्षेत्र , भाषा के लोग वोटिंग के जरिये देश
से अलग होने की मांग करने लगेंगे और देश छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाएगा और शत्रु देश आसानी से हावी होने लगेंगे ।
कश्मीरवासयिों की समस्या का निदान करें न की देश की अखंडता को खतरे में डालें ।
बाद में केजरीवाल ने कहा की में प्रशांत भूषण के बयान से सहमत नहीं हूँ , लेकिन इस बीच लोगों ने केजरीवाल को सोशल मीडिया पर उनकी छवि
को धो डाला , साथ ही केजरीवाल को प्रशांत भूषण के बयान से असहमत होने में बहुत देर लगी
५. आजकल लोग कह रहे हैं की केजरीवाल का विरोध सिर्फ नरेंद्र मोदी से रह गया है जबकि पहले कांग्रेस के भ्रस्टाचार के पीछे पड़े रहते थे ,
साथ ही देश के अन्य पार्टियों की उनको बुराई नहीं दिखती
बहुत सारी बातें हैं जिस से लगता है की केजरीवाल ने आम आदमी का मुखोटा लगाया लेकिन वह आम आदमी की नजरों में अभी खरे नहीं उतर सके हैं ,
उनकी आम आदमी पार्टी जल्द बाजी में बनी है और उसमें बहुत से सत्ता के लालची लोग भी शामिल हो गए हैं
जनता से यही कहने चाहेंगे कि - वह योग्य (पढे लिखे व् अच्छे एजुकेशनल क़्वालिफिकेशन ) व अच्छे (समाज सेवी , जनता के प्रति अच्छे कार्य करने वाले ) उम्मेदवार को जिताएं
अंत में कहना चाहेंगे की - देश के नागरिकों को अधिक से अधिक स्वतंत्रता व साफ़ सुथरी व्यवस्था मिलनी चाहिए । आज तमाम आर टी आई एक्टिविस्टों को तकलीफों से गुजरना पढ़ता है और कभी कभी अपनी जान से हाथ धोना पढ़ता है । देश के न्यायलय में फैसले सालों में होते हैं और कई बार सारी जिंदगी है न्याय पाने के लिए ,
इसलिए देश के नागरिकों के लिए जनलोक पाल जरूरी है
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