टीईटी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग - शिक्षा के बहाने सिब्बल ने सरकार को घेरा
(UPTET : Kapil Sibbal suggest TET scam should be investigated through CBI)
लखनऊ। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि इस मामले में सरकार में बैठे लोग भी शामिल हैं इसलिए बड़ा सवाल यह है कि सीबीआई जांच के लिए अनुमति कौन देगा? सलमान खुर्शीद और चुनाव आयोग के बीच विवाद पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें जो कहना था, पहले ही कह चुके हैं। अब यह प्रकरण समाप्त हो गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। शिक्षा व्यवसाय बन गया है।
सोमवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों से रू-ब-रू सिब्बल ने टीईटी में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियों के लिए सीधे राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सीबीआई जांच से ही असली गुनहगार पकड़ में आ सकते हैं। बाबा रामदेव द्वारा प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधने और कांग्रेस केखिलाफ मतदान की अपील के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि वह किसी व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के ‘एप्टीट्यूट टेस्ट’ के पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। एक साल में सभी बोर्ड के पाट्यक्रम में एकरूपता लाने की कवायद चल रही है। 2013 से इसे लागू करने करने की योजना है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि अपराध के मामले में यूपी पूरे देश में सबसे ऊपर पहुंच गया है। यूपी की अपराध दर 33 फीसदी से अधिक है जबकि आंध्र प्रदेश 12 और तमिलनाडु 10 प्रतिशत के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। हिंसक व महिलाओं के प्रति अपराध, अपहरण, बच्चों की हत्याओं, दलितों के खिलाफ अपराध में यूपी सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि माया सरकार में शिक्षा की स्थिति भी बेहद दयनीय है। सबसे ज्यादा फर्जी विवि यूपी में है। शिक्षा का व्यवसायीकरण हो चुका है। सरकार के पास मूर्तियों और स्मारकों पर खर्च करने के लिए 6000 करोड़ रुपये है लेकिन शिक्षा के लिए उसके पास पैसा नहीं है। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। यही पैसा शिक्षा पर खर्च किया गया होता तो प्रदेश की तस्वीर ही बदल जाती।
लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले में शासन और उच्च अधिकारियों की चुप्पी से नाराज अभ्यर्थियों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाई है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पूरे मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक से लेकर सरकार के कई बड़े नेता संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन इस पूरे मामले में बस मुहरा मात्र हैं। असली गुनहगार को दबोचने के लिए मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।
News : Amar Ujala (14.2.12)
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