एससी-एसटी कोटा ः राजनीतिक दलों की मांग के आगे झुकी सरकार
प्रमोशन में आरक्षण किया जाएगा बहाल
Reservation in Promotion -
नई दिल्ली। सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण बहाल करने की जोर पकड़ती मांग के आगे सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा। सरकार अब एससी/एसटी के लिए प्रमोशन मेें आरक्षण बहाल करने से संबंधित विधेयक लाने पर राजी हो गई है। इस संबंध में बिल 22 अगस्त को पेश किया जाएगा। इससे पहले 21 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मसले पर सर्वदलीय बैठक करेंगे। राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्यमंत्री नारायणसामी ने विधेयक पेश करने का ऐलान किया।
इससे पहले सपा और बसपा के सदस्यों ने लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे पर शोरशराबा शुरू कर दिया। दोनों पार्टियों के सदस्य आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर वेल में आ गए। लोकसभा में सपा के शैलेंद्र कुमार और बसपा के दारा सिंह चौहान के अलावा कांग्रेस के पीएल पुनिया ने भी सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण तत्काल बहाल करने के समर्थन में आवाज बुलंद की। तो राज्यसभा में मायावती ने यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया।
•सत्र में इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का वादा किया था, लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं हुई।
मायावती ने कहा कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने का नाटक छोड़ दे और सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर लगी सुप्रीम कोर्ट की रोक को हटाने के लिए इसी सत्र में संविधान संशोधन बिल लाए। तब नारायणसामी ने कहा कि सरकार इसी सत्र में सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। मगर बसपा सदस्य नहीं माने और सभापति के आसन के सामने आकर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया। 12 बजे की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दुबारा कार्यवाही शुरू होने पर सरकार नरम पड़ गई। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में नारायणसामी ने कहा कि इस संबंध में 22 अगस्त को विधेयक पेश कर दिया जाएगा। इससे पहले मनमोहन सिंह ने मायावती समेत कुछ नेताओं से कुछ गुफ्तगू भी की।
•21 अगस्त को प्रधानमंत्री ने बुलाई सर्वदलीय बैठक संसद में 22 को आएगा बिल
•राज्यसभा और लोकसभा में जोरदार मांग उठने के बाद सरकार ने किया ऐलान
सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने का नाटक छोड़ दे और नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर लगी रोक को हटाने के लिए इसी सत्र में संविधान संशोधन बिल लाए। - मायावती, बसपा
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश सरकार की एससी/एसटी को प्रमोशन में आरक्षण की नीति को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस फैसले को अप्रैल में दिए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
News Source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120810a_001122005&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120810a_001122005 / Amar Ujala (10.8.12)
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News Analysis : -
Supreme court keep intact Allahabad Highcourt decision and reservation in promotion is quashed.
I personally felt reservation is needed for such person , who is incapable like - handicapped, Below Poverty Line as they dont have required resource to compete with society, system etc.
When a person achieve a job / Government Job, then he/she should be treated equivalent to all employees.
To achieve fairness - Multi level examination , Videography in Interviews can take place ( So that caste ism, favoring some body in interview is stopped. )
A person who is in job having all requisite resources - Money , Information of Organization, Access to other resources - Internet etc
And all employees must be treated with law of equality that's why Supreme court quashed promotion in reservation.
फिलहाल - आर्मी / डिफेन्स , जुडीसरी, खेलों आदि में आरक्षण नहीं हैं ( अगर किसी को अधिक जानकारी हो तो कृपया कमेन्ट के माध्यम से सूचित करें )
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वाह री सरकार, ये चाहती है कि जिस तरह अनपढ मंत्री बन जाते हैँ उसी तरह कम पढा कर्मचारी भी पढे लिखे अधिकारी से ऊँची पोस्ट पर हो तब तो हो गया देश का बँटाढार कैसे हो पाएगा उद्धार
ReplyDeleteकान्हा गया समानता का मौलिक अधिकार ,सामान अवसर कान्हा मिल रहा है सभी को ये सवर्णों के साथ ज्यादती है
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