UPTET : लेटलतीफी से गिरा बीटीसी का ग्राफ
कानपुर, शिक्षा संवाददाता: परिषदीय स्कूलों में पक्की नौकरी की गारंटी माने जाने वाले बीटीसी का ग्राफ टीईटी की अनिवार्यता और शिक्षणसत्र की देरी के कारण तेजी से गिरा है। अभ्यर्थियों की संख्या इस कदर घट रही है कि कुछ निजी कालेजों ने बीटीसी संचालन से हाथ खींच लिये हैं।
बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए प्रदेश में लगभग सौ निजी संस्थाओं ने बीटीसी की मान्यता ली थी। इनमें शहर के सात कालेज हैं। शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए बीएड डिग्रीधारियों को प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने, टीईटी पास होने की अनिवार्यता तथा शिक्षण सत्र की लेटलतीफी से अभ्यर्थियों का बीटीसी से मोह टूट गया। 2010 में बीटीसी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या जहां 40 हजार थी, वहीं 2011 में यह 20 हजार से भी नीचे आ गई। महिला महाविद्यालय और डीबीएस कालेज ने तो मान्यता बढ़ाने की पैरवी बंद कर अंशकालिक शिक्षक भी हटा दिए। वहीं निजी कालेजों में 2011-12 का नया शिक्षा सत्र डेढ़ माह पहले ही शुरू हो पाया है। पहले दौर में वंशी कालेज को आवंटित 50 छात्रों में 30 व श्रीशक्ति डिग्री कालेज शाखाहारी में 20 ने ही प्रवेश लिया। पिछले सप्ताह दूसरी सूची जारी हुई है। वहीं शहीद भगत सिंह महाविद्यालय बिठूर और अभिनव सेवा संस्थान को 50-50 सीटों की मान्यता मिली। उनके लिए भी सूची जारी हो गई पर अभ्यर्थी कम संख्या में पहुंच रहे हैं। बता दें कि निजी कालेजों में 50 प्रतिशत पेड सीटों का शुल्क 44 हजार व फ्री सीट का 22 हजार रुपये सालाना है।
-----------------
ग्राफ गिरने के कारण
-सत्र कितने साल में पूरा होगा की आशंका से ऊहापोह
- चयनित होने पर प्रोफेशनल कोर्स के छात्रों का प्रवेश न लेना
- टीईटी लागू होने से सीधे नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं
- बीएड को विशिष्ट बीटीसी के रास्ते शिक्षक बनाना
- शुल्क को लेकर दो तरह की सीटों की व्यवस्था होना
-----------
अल्पसंख्यक की मान्यता
सिख समुदाय के प्रबंधतंत्र की ओर से संचालित भगवंती एजुकेशन सेंटर को अल्पसंख्यक कालेज का दर्जा मिल गया है। बीटीसी की 50 सीटों में 25 पर काउंसलिंग से व शेष पर सीधे प्रबंधतंत्र प्रवेश करेगा।
------------------
शासन निजी कालेजों में बीटीसी को लेकर बहुत गंभीर नहीं है। सरकारी संस्थानों का सत्र तो जल्दी शुरू हो गया परंतु निजी कालेजों का एक सत्र शून्य होने की स्थिति में है। इसे लेकर भी छात्रों की रुचि घट रही है।
-विनय त्रिवेदी, अध्यक्ष उप्र स्ववित्तपोषी महाविद्यालय एसोसिएशन
Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9546936.html / Jagran ( 7.8.12)
*********************************
News Analysis : -
If B Ed candidates became eligible for Primary Teacher Recruitment upto 2015, And as TET is MUST to become teacher then BTC graph will be highly down.
No comments:
Post a Comment
To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.