B.E. / B. Tech : मास्टरी की मंडी में बीटेक डिग्री बेपर्दा
कानपुर : बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर स्कूलों में सात हजार रुपए मानदेय पर नियुक्त किए जाने वाले अनुदेशकों की भर्ती में बीटेक और एमसीए की डिग्री बेपर्दा हो गई। वैसे तो इस पद के लिए आवेदन बीसीए या बीएससी (कंप्यूटर साइंस) डिग्रीधारियों को करना था, लेकिन हजार से ज्यादा बीटेक व एमसीए योग्यता वालों के आवेदन पत्रों ने डिग्री पर सवाल के साथ बेरोजगारी का नमूना भी दिखा दिया।
नगर के 51 जूनियर स्कूलों के लिए स्वीकृत 32 अनुदेशक पदों के लिए 1253 आवेदन आए। इनमें निर्धारित योग्यता बीसीए अथवा बीएससी कंप्यूटर साइंस के 83 अभ्यर्थी मिले, जिन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। इसके अलावा एक हजार से अधिक आवेदन बीटेक व एमसीए डिग्री योग्यता वाले थे। इसी तरह पिछले सालों में बीटीसी प्रशिक्षण के लिए भी बीटेक अभ्यर्थियों के आवेदन करने पर प्रदेश में बीटेक पढ़ाई की स्थिति को लेकर पूरे देश में सवाल उठे थे।
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यह स्थिति प्रदेश के दोनों प्राविधिक विश्वविद्यालयों व सैकड़ों निजी इंजीनियरिंग कालेजों की अस्मिता पर सवालिया निशान लगाने व पेट काटकर इंजीनियरिंग पढ़ाने वालों के पेट पर लात मारने वाली है।
- ओपी मिश्र, अभिभावक बेरोजगार बीटेक डिग्रीधारी
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प्रदेश में व्यापारिक दृष्टि से धड़ाधड़ खुले इंजीनियर कालेजों में इस समय बीटेक की 1.40 लाख से अधिक सीटें हैं। हर साल इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियर निकलेंगे तो सबको अच्छी नौकरी कैसे मिल पाएगी।
- प्रो. जेएसपी राय, निदेशक एचबीटीआई
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बीटेक व एमसीए में रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने से तमाम छात्रों को उनकी योग्यता के अनुरूप काम नहीं मिल रहा। नतीजतन इस बार काउंसलिंग से यूपीएसईई की 40 प्रतिशत सीटें भी भरने की संभावना नहीं दिखती।
- यूएस तोमर, कुलसचिव प्राविधिक विश्वविद्यालय
News Sabhaar : Jagran (18.7.13)
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