उन्नाव : शिक्षकों के बीच से निकले खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी की साहब गिरी नहीं चलेगी। उन्हें भी दो स्कूलों को गोद लेकर उनमें नियमित रूप से पढ़ाना होगा। बीएसए ने यह आदेश थोपा नहीं है, बल्कि वह खुद एक स्कूल में पढ़ाएंगे। बीएसए के इस आदेश ने स्कूलों का पर्वेक्षण व सूचनाओं का आदान प्रदान करने वाले इन कथित अधिकारियों को पसीना आ रहा है। इनमें से अधिकांश ने अभी तक अपने विद्यालयों की सूची नहीं भेजी है।
जिले के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को ठीक रखने के लिए सिर्फ शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं होंगे, बल्कि उनकी निगरानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारी व एबीआरसी को अपनी क्षमता को विद्यालय में प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए बीएसए ने बीईओ व एबीआरसी के साथ बैठक करते हुए उन्हें इसके निर्देश दिए हैं। बीएसए के नई योजना के तहत सभी खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी एक जूनियर व एक प्राथमिक विद्यालय को गोद लेंगे। इसके बाद मूल कार्य पर्वेक्षण व शैक्षिक अनुसमर्थन के अलावा इन विद्यालयों में नियमित रूप से दो घंटा पढ़ायेंगे।
होगी इन विद्यालयों की परीक्षा
ऐसा नहीं कि एबीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय गोद लेकर औपचारिकता पूरी कर लें। उनके शिक्षण की गुणवत्ता को परखने के लिए समय समय पर परीक्षा भी होगी। इसी परीक्षा के परिणाम से उनकी योग्यता और उनकी कार्य कुशलता को भी परखा जाएगा।
मुसीबत में एबीआरसी
जिले के 16 विकास खंडों में लगभग 70 एबीआरसी है। यह सभी किसी न किसी विषय के विशेषज्ञ होने पर ही बीआरसी की परीक्षा में तैनात हुए हैं।
गुणवत्ता परखने के लिए होने वाली परीक्षा में इन विषयों में छात्रों की योग्यता को परखा जाएगा। इससे ब्लाक में बैठकर साहब गीरी करने वाले एबीआरसी को बीएसए के नए आदेश से मुश्किलों में डाल दिया है।
यही कारण है कि अभी तक अधिकांश ने अपने विद्यालय की सूची जारी बीएसए को नहीं दी है।
किसके पास क्या था काम
खंड शिक्षाधिकारी को ब्लाक क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को दुरस्त करने के लिए विद्यालयों को दुरस्त करने लिए शासन के निर्देश का पालन करने के लिए निरीक्षण करते हैं।
एबीआरसी को शैक्षिक अनुसमर्थन, आर्दश पाठन पाठन को बनाने के अलावा विद्यालयों में पर्वेक्षण कार्य देखते हैं। प्रत्येक ब्लाक में पांच एबीआरसी तैनात हैं।
बीएसए गजौली जूनियर व प्राथमिक स्कूल को लिया गोद
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में लगे बीएसए ने खुद बिछिया विकास खंड के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों को गोद लिया है। वह इन दोनों विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने जाएंगे। इसी तरह से उन्होंने अन्य सभी से एसएमएस करके उनके विद्यालयों की सूची मांगी है। ताकि वह इसके आगे का प्रोजेक्ट तैयार कर उनकी निगरानी की जा सके।
क्या कहते हैं बीएसए
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इस प्रकार की योजना तैयार की गई है। इससे हमरे शिक्षकों को मनोबल भी बढ़ेगा और शिक्षा स्तर में सुधार भी होगा। दूसरे विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दी जा सकेगी। जून माह के अंत तक इस योजना को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। मैंने भी गजौली में इसकी शुरुवात कर दी है।
- डा. मुकेश कुमार सिंह, बीएसए
News Sabhaar : Jagran (3.7.13)
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