टूटा ‘मास्साब’ बनने का सपना
(UPTET : Dream to become PRT teacher through TET is broken)
छाता। डाक विभाग की लापरवाही से हजारों शिक्षकों का भविष्य चौपट हो रहा है। वे विभाग के खिलाफ कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में हैं। उन्हाेंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से टीईटी के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाये जाने की मांग की है। डाक विभाग की लापरवाही से हजारों अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना चकनाचूर कर दिया है। अध्यापक पात्रता परीक्षा के भेजे गए आवेदन पत्र रोजाना सैकड़ों लोगों के वापस आ रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि डाक विभाग वैसे तो पूरे देश में स्पीड पोस्ट को पहुंचाने का चौबीस घंटे का दावा करती है। लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने हब सेंटर आगरा से ही जाकर पांच और छह जनवरी को आवेदन डाले हैं। वे अंतिम तिथि नौ जनवरी की जगह 11 जनवरी को पहुंचे हैं। अभ्यर्थी सुधीर बाबू, भंवर सिंह, सपना, नेहा, कल्पना, आलोक, रामचंद्र और नीरज ने बताया कि उन्होंने आगरा हब सेंटर से जाकर पांच और छह जनवरी केा टीईटी के आवेदन पत्रों को लिए मैनपुरी, अलीगढ़, पंचशील नगर, प्रबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद सहित कई अन्य जगहों की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को स्पीड पोस्ट किया है। जिन्हें आसानी से दो दिनों के अंदर पहुंच जाना चाहिए था। लेकिन न जाने कैसे उनके अब करीब एक सप्ताह बाद फार्म वापस आ रहे हैं। इससे वे निराश हैं और डाक विभाग के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
News : Amar Ujala (16.1.12)
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