12 करोड़ में हुआ था पास कराने का सौदा
*****************************
रमाबाई नगर में टीईटी परीक्षा में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले सैकड़ो छात्र-छात्राओं के भविष्य से खेलने वाले रैकेट के दो और सदस्यों को रमाबाई नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक आल्टो कार और पांच लाख रूपए बरामद किये हैं, पकडे गए अभियुक्तों में एक असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश है और दूसरा अभियुक्त एक एनजीओ चलता है, पुलिस अभी इनसे पूछताछ कर शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों के नाम आने की बात कह रही है।
इन दोनों ने मिलकर नौकरी का सपना देखने वाले सैकड़ो लोगों से करोड़ों रूपये लेकर शिक्षा के पवित्र नाम को अपवित्र किया है, दरअसल रमाबाई नगर जिले में बीती 31 तरीख को पुलिस ने टीईटी परीक्षा में फेरबदल करने वाले रैकेट के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लगभग 87 लाख रूपए बरामद किये थे। पकडे गए अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पुलिस की जांच आगे की दिशा में बढ़ रही थी कि तभी आज मिली सूचना पर पुलिस ने रमाबाई नगर के अकबरपुर इलाके में घेराबंदी कर एक आल्टो गाड़ी को धर दबोचा आल्टो कार में सवार नरेन्द्र प्रताप सिंह जो असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश और दूसरा शख्स राम शंकर मिश्रा जो की पारित महिला साक्षरता के नाम से एनजीओ चलाता है, ये दोनों अपने साथियों से मिलने माती जेल जा रहे थे। पुलिस ने इनके पास से पांच लाख रूपए भी बरामद किए हैं।
रमाबाई नगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से नकाब हटाकर यह दिखा दिया है कि शिक्षा की आड़ में कैसे करोड़ों रूपयों की बंदरबाट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। टीईटी परीक्षा में साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी करने का सपना देखा था। उनमे से जिन अभ्यर्थियों के सत्तर नंबर आए थे, उन अभियार्थियों से पैसा लेकर 70 से 128 नंबर करवाने को लेकर एक लाख से तीन लाख रूपए तक वसूले गए लिहाजा रुपयों की धमक साफ़ नज़र आयी और चार बार टीईटी परिणाम में फेरबदल हुआ। पकडे गए नरेन्द्र प्रताप सिंह को आठ सौ लोगों की लिस्ट दी गयी थी और उन सब से एक-एक लाख रुपयों के हिसाब से पैसा ऊपर पहुंचाना था यानी एक शिक्षक की नौकरी पक्की करवाने के लिए नरेन्द्र प्रताप सिंह को एक लाख ऊपर पहुंचाना था और लिहाजा नरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी मलायी काटी और एक लाख की जगह डेढ़ लाख नीचे के लोगों से लिया। वहीं नौकरी लगवाने और नंबर बढ़वाने के लालच में छात्र-छात्राओं ने जोड़ बटोर कर पैसे दे दिए। वही टीईटी परीक्षा में घपला करने वाले लोगो की एक के बाद एक गिरफ्तारी ने यक़ीनन शिक्षा विभाग में हो रही घोटालेबाजी की असली तस्वीर को बयां कर दिया है। वही पुलिस अभी इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों के लिप्त होने की बात कह रही है।
******************************************
News : Jagran (10.1.12)
(UPTET Scandle : 12 Crore rupees deal to Pass UP TET Exam)
रमाबाई नगर। टीईटी परिणाम में संशोधन का सौदा पूरे 12 करोड़ में हुआ था। एक-एक परीक्षार्थी से डेढ़ लाख रुपए वसूले गए थे। और तो और इस डील में एक आईएएस स्तर का अफसर, शिक्षा विभाग के दो डिप्टी डायरेक्टर समेत सात लोग अभी भी वांछित हैं। जबकि इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब तक पकड़े गए लोगों से 92 लाख रुपए की बरामदगी हो चुकी है। सोमवार को रमाबाई नगर पुलिस ने लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह समेत एक एनजीओ के संचालक रामशंकर मिश्र को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के कब्जे से पांच लाख रुपए की रकम बरामद हुई। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि टीईटी परीक्षा परिणाम मेें अब तक हुए संशोधन घूसखोरी के लिए ही हुए हैं और इसका सूत्रधार शिक्षा विभाग का एक उच्च पदस्थ अधिकारी है। पुलिस अब उसी अधिकारी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में जुट गई है।
अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर धर दबोचा। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए। दोनों कार से जिला जेल में बंद अपने साथियों से मुलाकात करने जा रहे थे। एसपी सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि सूत्रधार अधिकारी से तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और प्रत्येक अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे। शेष चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत बाकी के बीच में होना था। रिजल्ट में अब तक हुए संशोधन अभ्यर्थियों को अच्छे अंक दिलाने के लिए ही हुए हैं। एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद ही घूसखोर अफसरों का नाम खोला जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सूत्रधार माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद कार्यालय का एक बड़ा अफसर है। इससे पहले रमाबाई नगर पुलिस ने 31 दिसंबर को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र से 87 लाख रुपए के साथ पांच लोग पकड़े थे। इसके बाद चार दिन पहले चार अन्य लोग भी पकड़ में आ गए थे।
News : Amar Ujala (10.1.12)अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को लखनऊ के लिट्रेसी हाउस में बैठने वाले राज्य संसाधन केंद्र के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर नरेंद्र प्रताप सिंह और एक एनजीओ संचालक रामशंकर मिश्र को कानपुर-औरैया हाईवे पर धर दबोचा। इनके पास से पांच लाख रुपए बरामद हुए। दोनों कार से जिला जेल में बंद अपने साथियों से मुलाकात करने जा रहे थे। एसपी सुभाषचंद्र दूबे ने बताया कि सूत्रधार अधिकारी से तय हुआ था कि आठ सौ अभ्यर्थियों को अच्छे नंबरों से पास कराना है और प्रत्येक अभ्यर्थी से डेढ़-डेढ़ लाख रुपए यानी कुल 12 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। इसमें आठ करोड़ रुपए उक्त अधिकारी को देने थे। शेष चार करोड़ रुपए का बंटवारा नरेंद्र प्रताप और रामशंकर समेत बाकी के बीच में होना था। रिजल्ट में अब तक हुए संशोधन अभ्यर्थियों को अच्छे अंक दिलाने के लिए ही हुए हैं। एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद ही घूसखोर अफसरों का नाम खोला जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सूत्रधार माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद कार्यालय का एक बड़ा अफसर है। इससे पहले रमाबाई नगर पुलिस ने 31 दिसंबर को अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र से 87 लाख रुपए के साथ पांच लोग पकड़े थे। इसके बाद चार दिन पहले चार अन्य लोग भी पकड़ में आ गए थे।
*****************************
रमाबाईनगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से हटाया एक और नकाब
रमाबाई नगर में टीईटी परीक्षा में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले सैकड़ो छात्र-छात्राओं के भविष्य से खेलने वाले रैकेट के दो और सदस्यों को रमाबाई नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक आल्टो कार और पांच लाख रूपए बरामद किये हैं, पकडे गए अभियुक्तों में एक असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश है और दूसरा अभियुक्त एक एनजीओ चलता है, पुलिस अभी इनसे पूछताछ कर शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों के नाम आने की बात कह रही है।
इन दोनों ने मिलकर नौकरी का सपना देखने वाले सैकड़ो लोगों से करोड़ों रूपये लेकर शिक्षा के पवित्र नाम को अपवित्र किया है, दरअसल रमाबाई नगर जिले में बीती 31 तरीख को पुलिस ने टीईटी परीक्षा में फेरबदल करने वाले रैकेट के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लगभग 87 लाख रूपए बरामद किये थे। पकडे गए अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पुलिस की जांच आगे की दिशा में बढ़ रही थी कि तभी आज मिली सूचना पर पुलिस ने रमाबाई नगर के अकबरपुर इलाके में घेराबंदी कर एक आल्टो गाड़ी को धर दबोचा आल्टो कार में सवार नरेन्द्र प्रताप सिंह जो असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य संसाधन केंद्र उत्तर प्रदेश और दूसरा शख्स राम शंकर मिश्रा जो की पारित महिला साक्षरता के नाम से एनजीओ चलाता है, ये दोनों अपने साथियों से मिलने माती जेल जा रहे थे। पुलिस ने इनके पास से पांच लाख रूपए भी बरामद किए हैं।
रमाबाई नगर पुलिस ने शिक्षा माफियाओं के चेहरे से नकाब हटाकर यह दिखा दिया है कि शिक्षा की आड़ में कैसे करोड़ों रूपयों की बंदरबाट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। टीईटी परीक्षा में साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी करने का सपना देखा था। उनमे से जिन अभ्यर्थियों के सत्तर नंबर आए थे, उन अभियार्थियों से पैसा लेकर 70 से 128 नंबर करवाने को लेकर एक लाख से तीन लाख रूपए तक वसूले गए लिहाजा रुपयों की धमक साफ़ नज़र आयी और चार बार टीईटी परिणाम में फेरबदल हुआ। पकडे गए नरेन्द्र प्रताप सिंह को आठ सौ लोगों की लिस्ट दी गयी थी और उन सब से एक-एक लाख रुपयों के हिसाब से पैसा ऊपर पहुंचाना था यानी एक शिक्षक की नौकरी पक्की करवाने के लिए नरेन्द्र प्रताप सिंह को एक लाख ऊपर पहुंचाना था और लिहाजा नरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी मलायी काटी और एक लाख की जगह डेढ़ लाख नीचे के लोगों से लिया। वहीं नौकरी लगवाने और नंबर बढ़वाने के लालच में छात्र-छात्राओं ने जोड़ बटोर कर पैसे दे दिए। वही टीईटी परीक्षा में घपला करने वाले लोगो की एक के बाद एक गिरफ्तारी ने यक़ीनन शिक्षा विभाग में हो रही घोटालेबाजी की असली तस्वीर को बयां कर दिया है। वही पुलिस अभी इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों के लिप्त होने की बात कह रही है।
******************************************
टीईटी में सहायक निदेशक गिरफ्तार
(UPTET:Assistant Director arrested for forgery in TET Exam.)
रमाबाई नगर : टीईटी में चयन कराने के लिए धन वसूली करने वाले गिरोह के नौ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को पुलिस ने सूत्रधार राज्य संसाधन केंद्र के सहायक निदेशक सहित दो को दबोच लिया। उनके कब्जे से पांच लाख रुपये, एक कार व पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए। 31 दिसंबर को रमाबाई नगर पुलिस ने कार सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर 87 लाख रुपये बरामद किए थे। पुलिस के अनुसार कार सवार राज्य संसाधन केंद्र के सहायक निदेशक नरेंद्र प्रताप सिंह व लखनऊ के त्वरित महिला साक्षरता संस्था के संचालक रामशंकर को बारा जोड़ पर रोककर तलाशी ली गई। कार में पांच लाख रुपये बरामद होने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। एसपी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि दोनों ने टीईटी गिरोह में शामिल साथियों से जेल में मुलाकात के लिए जाने की जानकारी दी है। माध्यमिक शिक्षा परिषद, इलाहाबाद के एक अधिकारी से एक-एक लाख रुपये में 1200 अभ्यर्थियों का टीईटी में चयन कराने का सौदा होने व टोकन मनी के रूप में चालीस लाख रुपये दिये जाने की बात सामने आई है।
is Vaccancy is still going on or it will b postponed???? Satish
ReplyDeletedo u have any info. abt yesterday listing in High cout regarding UPTET
ReplyDeletehi,I am amit. I give you thank for this great news about TET conspiracy,by the time left........
ReplyDelete