टीईटी छात्रों की हो रही उपेक्षा
(UPTET : TET students ignored, geting hurdles in selection)
सैदपुर (गाजीपुर) : नवसृजित 'टीईटी उत्तीर्ण मेधावी छात्र संघ' की सोमवार को नगर के टीएन इंटर कॉलेज के सभागार में हुई बैठक में अध्यक्ष जय सिंह यादव ने कहा कि प्रतिभावान छात्रों द्वारा टीईटी में अच्छे अंक प्राप्त करने के बावजूद राज्य सरकार की उदासीनता व अनावश्यक अवरोधों के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि राज्य सरकार व भर्ती बोर्ड के सभी निर्देशों का पूर्ण पालन करते हुए अनेक कठिनाइयों के बावजूद हजारों रुपये खर्च कर नौकरी पाने की आस में मेधावी छात्रों ने आवेदन किया। कुछ आवंछनीय तत्व सक्रिय होकर पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करवाना चाहते हैं। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। बबलू कुमार सोनकर, सुनील यादव, सचिन कुमार, विजय सोनक, सतीश कुशवाहा, अखिलेश यादव, अजय आदि मौजूद थे।
News : Jagran (17.1.12)
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भर्तियों के नाम पर बेरोजगारों की जेबें ढीली
हर ग्राम पंचायत में एक-एक सफाई कर्मी गांव की सफाई करने के लिये तैनात कर दिया गया है। उनकी तैनाती के बाद उन्होंने एक बार भी यह सफाई विभाग के भ्रष्टाचारियों की तरफ ध्यान नहीं दिया कि जिन पर प्रति माह अरबों रुपये खर्च कर रहे हैं। वे कभी सफाई करने जाते भी हैं या फिर केवल घर बैठे वेतन ही वसूल रहे हैं। आज अगर इनकी जगह पर शिक्षा विभाग को ज्यादा महत्व दिया गया होता तो शिक्षा की दशा में कुछ सुधार हो गया होता। हां इतना जरूर हुआ इन बेरोजगारों के साथ कि कभी बीएड कभी बीटीसी तो कभी टीईटी के फार्म निकाल कर सैकड़ों रूपये परीक्षा शुल्क ( ड्राफ्ट जमा करवाये गये )के नाम पर जमा करवा लिये उसके बाद उन भर्तियों पर रोक ,
One side government is saying shortage of skilled teacher and conducted so many exams CTET, TET and when so many qualified candidates available then why this delay for RTE.
It is harmful for childrens,unemployed qualified teachers and ultimate impact on public of India.
In these days economy is booming due to education and its outsourcing from India.
Mayawati sarkar ne 1997 tak ke TET pass moallim urdu degree dhariyon ko appoint karne ko kaha tha. par Akhilesh sarkar ne sirf 1996 tak ke moallim urdu ko lene ka nirnay lekar apne hi pai par kulhadi marne ka kaam kiya hai. Kaha jata hai ki " VINASH KALE VIPRIT BUDHI".
ReplyDeleteAhilish sarkar ko sochna chahiye ki jab ki ek saal mein sirf ek hi degrre milti hai. to 11-08-1997 tak ka shart laga kar, saal 1997 walon ke ke sath akhilesh sarkar nainsafi kar rahi hai. jiska khamiyaza aane wale election mein akhilesh sarkar ko bhugatna padega.
iske liye sabhi 1997 ke moallim urdu degree dhariyon se guzarish hai ki apne apne area mein ahilesh sarkar ke khilaf muhim chalaye.