Wednesday, February 15, 2012

फर्जी डिग्रियों पर नौकरी लेने के पहले भी हुए मामले


संस्थानों के नाम से रातों रात बन जातीं डिग्रियां
फर्जी डिग्रियों पर नौकरी लेने के पहले भी हुए मामले, कई गिरोह पकड़े गए, नहीं लगा अंकुश
मुरादाबाद में भी होगी जांच
कैसे आए पकड़ में
बीटीसी भी पास कर लिया
बर्खास्त शिक्षकों से वेतन की होगी रिकवरी

मुरादाबाद। फर्जी डिग्रियों पर नौकरी हथियाने के मामले पहले भी हुए हैं। नामचीन शैक्षिक संस्थानों के नाम से कागजात तैयार करने वाले गिरोह पकड़कर सलाखों के पीछे कैद किए गए। मगर, जालसाजी करने वाले गैंगों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसके बावजूद उच्च शैक्षिक संस्थानों के नाम से रातों रात फर्जी डिग्रियां तैयार हो रही हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में एक शिक्षामित्र ने फर्जी तरीके से कागजात तैयार करके उच्च प्राथमिक शिक्षक के लिए आवेदन किया था। यही नहीं उसने नौकरी भी हथिया ली थी। बाद में विभागीय स्तर से जांच हुई तो मामला पकड़ में आ गया। जिस पर उसे भी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों में भी कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। बताया गया कि सक्रिय गिरोह के सदस्यों के पास संस्था की मोहरें होती हैं।

संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर करने में गैंग के सदस्य प्रैक्टिस करते हैं। इसके बाद वह प्रमाण पत्र जारी कर देते। हस्ताक्षर ऐसे कि जब तक इन कागजातों की बारीकी से जांच नहीं होती, तब तक कोई व्यक्ति पहचान नहीं कर सकता। गौरतलब है कि बरेली में भी बड़ा घोटाला फर्जी शिक्षकों का हुआ था जिसमें बीसों साल से ट्रांसफर के आधार पर शिक्षकों को नौकरी करते हुए पाया गया था।

पचास से अधिक शिक्षक बर्खास्त किए गए थे। बेसिक शिक्षा अधिकारी बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की कई स्तर से जांच होने पर मामला पकड़ में आ सका है।
News : Amar Ujala ( 15.2.12)

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