UPTET : छोटे जिलों में होगी सर्वाधिक शिक्षकों की भर्ती
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों की भर्ती के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय में जिलेवार शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा प्राप्त हो गया है। जिलों से मिली सूचना के आधार पर सर्वाधिक पद छोटे जिलों में हैं। बड़े जिलों में अधिक रिक्तियां नहीं हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस संबंध में शीघ्र ही शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी है, ताकि इसी माह भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जा सके। उधर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों की गुरुवार को होने वाली बैठक स्थगित हो गई है। अब यह बैठक 22 सितंबर को होगी। बीटीसी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाने की तैयारी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक रखने की मंजूरी मिलने के बाद शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से जिलेवार रिक्तियों के आधार पर प्रस्ताव मांगा है। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने जिलों से बीएसए सेरिक्तियों का ब्यौरा मांगा था। इसके आधार पर अधिकतर जिलों से रिक्तियों का ब्यौरा एकत्र हो गया है। इसके मुताबिक बड़े जिलों में काफी कम पद रिक्त हैं।
सर्वाधिक पद छोटे जिलों में रिक्त हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हाल में अंतरजनपदीय स्थानांतरण होना है। बेसिक शिक्षा परिषद ने 18 हजार से अधिक शिक्षिकाओं के स्थानांतरण किए हैं। इसके चलते छोटे जिलों में शिक्षकों के पद अधिक रिक्त हो गए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय रिक्तियों के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। बताया जाता है कि शीघ्र ही पदों के ब्यौरे के साथ शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
शिक्षकों की भर्ती के लिए जिलेवार विज्ञापन निकाले जाएंगे, लेकिन आवेदन ऑनलाइन लिए जाने की तैयारी है। शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक तैनाती दी जाएगी। इसमें महिला शिक्षकों को तीन साल और पुरुष शिक्षकों को पांच साल ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में काम करना अनिवार्य होगा।
News Source : Amar Ujala (20.9.12)
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It is expected new advertisement come by this week, else hearing in court may be extended.
टेट की मेरिट पर नौकरी देने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
ReplyDeletebhaskar news | Sep 20, 2012, 11:09AM IST
आर्टिकल
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शिमला. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने टीजीटी की नियुक्ति के लिए भर्ती और पदोन्नति नियमों पर छूट देने वाले उन आदेशों को स्थाई कर दिया है, जिसके तहत टेट में हासिल मेरिट के आधार पर तैनाती देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश कुरियन जोसेफ व न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने विजय पटियाल की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश पारित किए। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आग्रह को अस्वीकार कर दिया, जिसके तहत राज्य सरकार ने गत चार जुलाई को पारित स्थगन आदेश से रोक हटाने की गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि टेट परीक्षा केवल उम्मीदवारों की योग्यता को आंकने का जरिया मात्र है और यह नियुक्ति के लिए जरिया नहीं है।