सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों को सरकार से वेतन पाने का हक
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की उप्र सरकार की याचिका
News, Aided School Teacher Recruitment,
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की भांति प्रदेश सरकार से उसके वेतनमान के मुताबिक वेतन पाने का हक है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिकाएं खारिज करते हुए अपने फैसले में यह बात कही है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने विनोद शर्मा के मामले में सुनाए गए तीन न्यायाधीशों की पीठ के फैसले से सहमति जताते हुए राज्य सरकार की याचिकाएं खारिज कर दीं। उत्तर प्रदेश सरकार पवन कुमार द्विवेदी व अन्य के मामलों में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। हाई कोर्ट पहले ही प्रदेश सरकार को सहायता प्राप्त निजी जूनियर स्कूल में कक्षा छह वह सात को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश दे चुका था। प्रदेश सरकार ने यह कहते हुए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी कि प्राथमिक स्कूल और जूनियर स्कूल अलग अलग होते हैें इसलिए प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का वेतनमान जूनियर स्कूलों के शिक्षकों पर लागू नहीं होता। जबकि शिक्षकों की ओर से दलील दी गई थी कि वे भी प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाते हैं तो फिर उनके साथ वेतन में भेदभाव कैसे किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सिविल अपील संख्या 3989 वर्ष 2006 के मामले व ऐसा ही मुद्दा उठाने वाली अन्य याचिकाओं का निपटारा करते हुए सुनाया है
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की उप्र सरकार की याचिका
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की भांति प्रदेश सरकार से उसके वेतनमान के मुताबिक वेतन पाने का हक है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिकाएं खारिज करते हुए अपने फैसले में यह बात कही है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने विनोद शर्मा के मामले में सुनाए गए तीन न्यायाधीशों की पीठ के फैसले से सहमति जताते हुए राज्य सरकार की याचिकाएं खारिज कर दीं। उत्तर प्रदेश सरकार पवन कुमार द्विवेदी व अन्य के मामलों में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। हाई कोर्ट पहले ही प्रदेश सरकार को सहायता प्राप्त निजी जूनियर स्कूल में कक्षा छह वह सात को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश दे चुका था। प्रदेश सरकार ने यह कहते हुए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी कि प्राथमिक स्कूल और जूनियर स्कूल अलग अलग होते हैें इसलिए प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों का वेतनमान जूनियर स्कूलों के शिक्षकों पर लागू नहीं होता। जबकि शिक्षकों की ओर से दलील दी गई थी कि वे भी प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाते हैं तो फिर उनके साथ वेतन में भेदभाव कैसे किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सिविल अपील संख्या 3989 वर्ष 2006 के मामले व ऐसा ही मुद्दा उठाने वाली अन्य याचिकाओं का निपटारा करते हुए सुनाया है
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