UPTET : यूपी प्राथमिक शिक्षा में फिर फिसड्डी
आल इंडिया रैंकिंग में 34वां स्थान, सिर्फ झारखंड है इससे नीचे
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यूपी प्राथमिक शिक्षा में फिर फिसड्डी
आल इंडिया रैंकिंग में 34वां स्थान, सिर्फ झारखंड है इससे नीचे
•बृजेश सिंह
नई दिल्ली। देश में प्राथमिक शिक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ है। इस मामले में देश के कुल 35 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश 34वें स्थान पर है। उससे नीचे सिर्फ झारखंड ही है। प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्तर पर वर्ष 2012-13 के लिए मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया है। सर्वेक्षण के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ रही है। जबकि सरकारी स्कूलों में पिछले कुछ सालों में भारी निवेश हुआ है।
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन और डायस ने देश के सभी राज्यों के सरकारी व निजी स्कूलों के आधार पर प्राथमिक शिक्षा के विकास एवं स्थिति पर सर्वेक्षण का जो शुरुआती आंकड़ा जारी किया है वह उत्तर प्रदेश के लिए काफी चेतावनी भरा है। आरटीई लागू होने के बाद राज्य में स्कूलों के भवन निर्माण से लेकर टीचर ट्रेनिंग तक बहुत सारे कार्यक्रम चले हैं लेकिन वे दूसरे राज्यों की तुलना में काफी पीछे रहे।
यही कारण है कि आज देश में सर्वाधिक उम्र दराज शिक्षकों का औसत भी उत्तर प्रदेश में है क्योंकि यहां तमाम कोशिशों के बावजूद नए शिक्षकों की भर्ती का मामला लटका हुआ है। सरकारी स्कूलों में हर छठा शिक्षक और सहायता प्राप्त स्कूलों में हर चौथा शिक्षक 55 साल से ज्यादा की उम्र का है। जबकि निजी स्कूलों में मात्र छह फीसदी इस उम्र के हैं।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में हालांकि अभी भी पचास फीसदी से अधिक छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं लेकिन हर साल तेजी से इनकी संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है। जबकि निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2011-12 की तुलना में इस साल सरकारी स्कूलों में प्राइमरी स्तर पर 8.90 लाख तथा अपर प्राइमरी में 33 हजार कम छात्रों का दाखिला हुआ है। दूसरी ओर निजी स्कूलों में प्राइमरी स्तर पर 10.55 लाख तथा अपर प्राइमरी स्कूलों में 12 लाख से भी ज्यादा छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। यह अंतर तब है जबकि पिछले कुछ सालों में सरकार ने हजारों की संख्या में प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों का निर्माण कराया है। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की गिरावट को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है
News Sabhaar : Amar Ujala (6.12.12)
Jab ghadhe jaise ko up ke log CM bana dete hai.
ReplyDeletejahan NAKALMAFIA ko teacher banane ke liye khud govt itna jor lagati ho wahan is se jyada kya ummid ki ja sakti hai.
ReplyDeleteU r absultly right mr mukesh
ReplyDeleteNeta ji ko apna vansh chalana tha so akhilesh ko cm bna diya.yahan jantantra ni rajtantra h.
ReplyDeleteJis rajya mein 2,70,000 teachers ki kami ho aur CM sahab ko Supreme Court ja kar bharti ko na karane ki jeed ho to ush rajya ka Bhagwan hi malik hai.
ReplyDeletemere tet exam me 119 gen hain aur acadmic me gurank 65.46 hai lekin mai .high court ke faisle se nirash hu.kyoki is faisle se bharti sankat me pad gayi hai .ab to sabhi ka future khatre me hai.
ReplyDeleteI SCORED 124 IN UPTET.KAFI ASHA THI AGE NIKLATI JA RAHI HAI.RAJASTHAN ME B.ED COLLEGE ME SHOSHAN KARA RAHA HU . AB KYA KARU DO DO BACHHO KA MUH DEKHNA PAD RAHA HAI TET K LIYE 12 12 GHANTE PADHAI KI THI JB PATA CHALA TAH KI BHARTI ISI BASE PE HOGIB LEKIN YE SALA CM ESA MADHRCHOD HAI KI JEE CHAHTA HAI SUCIDE KAR LU AB KYA AASA HAI 2002 KA BED ME ACADEMIC MERIT SE HONA HOTA TO AJ RAJASTHAN ME DHOOL THODI FANK RAHA HOTA.
ReplyDeleteHIJDA DOGLA CM
ड़ी खबर: बदला गया टीईटी का पैटर्न 0
ReplyDeleteशिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी)
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
परीक्षा के पैटर्न में बदलाव
किया गया है।
इस बार भाषा अभिव्यक्ति के 250 शब्दों के
निबंध के बजाय 60 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे
जाएंगे।
शासन ने 22 व 23 फरवरी को होने वाली इस
परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम (कैलेंडर)
जारी कर दिया है।
90 नंबर वाला ही होगा कामयाब
टीईटी के लिए विज्ञापन 10 दिसंबर
को जारी किए जाएंगे और आवेदक छह
जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। सचिव
बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार की ओर से
जारी शासनादेश के अनुसार टीईटी में वे
अभ्यर्थी सफल माने जाएंगे जो 150 नंबर के
पूर्णांक में से कम से कम 60 प्रतिशत या 90 अंक
हासिल करेंगे।
नियम में पहले सीधे 60 प्रतिशत अंक की बात
शामिल थी। एससी, एसटी, ओबीसी,
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक
(स्वयं) तथा विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के
लिए उत्तीर्णांक 55 प्रतिशत अथवा 83 नंबर
होगा।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर
की परीक्षा केलिए पैटर्न में आंशिक बदलाव
किया गया है। इसके अंतर्गत पूर्व में 30-30 प्रश्न
के तीन प्रश्नपत्र व भाषा अभिव्यक्ति के अंतर्गत
250 शब्दों का एक निबंध लिखना होता था।
शासन ने 30-30 अंकों के तीनों प्रश्नपत्रों के
विषय वस्तु में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन
भाषा अभिव्यक्ति में 250 शब्दों के निबंध के
स्थान पर 60 सवालों का बहुविकल्पीय सवाल
कर दिया है।
ये सभी सवाल 1-1 नंबर केयानी कुल 60 अंक के
होंगे।
Junior merit ki koi news hai kisi k paas....!"!
ReplyDeleteफ्लैश न्यूज•••••••••••
ReplyDeleteमंडेला अब इस दुनिया में नहीं रहे.
(उम्र -95 साल)
SANJEV BHAI ASHA RAKHO JARUR ACHHI NEWS AAYEGI BAS KUCH DIN AUR KHUD PR AUR APNE GOD PR VISHWASH RAKHO JARUR ACHA HOGA
ReplyDeleteEK KHUD KI KAVITA LIK RAHA HUE TUMARE LIYE
UDASHI SE BHAR NIKAL,
UDASHI SE BHAR NIKAL,
DEKH BHAR DUP HAI HAI GARMI HAI AAG HAI,
IS DUP KO APNI AASHA MAAN,
IS GARMI KO APNE LAHU KI TAPAN MAAN.
IS AAG KO APNI NAKAMYABI KI CHITA MANN.
BADA CHAL BADA CHAL KADAM KADAM BADA CHAL
EK DIN TUJHEJARUR MILEGI TERI MANJIL.
JAI BHARAT JAI BHARTIYE