Saturday, December 28, 2013

72825 Teacher Recruitment : शिक्ष्‍ाक भर्ती में टीईटी जरूरी

72825 Teacher Recruitment : शिक्ष्‍ाक भर्ती में टीईटी जरूरी

प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला भी खासा चर्चा में रहा। 72,825 खाली पदों पर भर्ती के इस मामले में भी खूब उतार-चढ़ाव देखने को मिले। हाईकोर्ट ने बसपा सरकार में जारी विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती करने के लिए कहा है। यानी यह भर्ती टीईटी की मेरिट से करने के लिए सरकार को 31 मार्च 2014 का समय दिया। सरकार भी आसानी से कहां मानने वाली थी, लिहाजा उसने भी हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा दी है। बेसिक शिक्षा के स्कूलों (कक्षा-1 से पांच तक) में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए सबसे पहले विज्ञापन तत्कालीन बसपा की मायावती सरकार के समय 30 नवंबर 2011 को आया था। इसके बाद 20 दिसंबर 2011 को संशोधित विज्ञापन जारी कर दिया गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई। सपा सरकार ने 31 अगस्त 2012 को एक शासनादेश जारी कर टीईटी को महज एक अर्हता परीक्षा माना। शिक्षकों की भर्ती का आधार शैक्षणिक गुणांक कर दिया गया। इसके बाद टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। इस विशेष अपील की सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने की। खंडपीठ ने प्रदेश सरकार के शासनादेश को निरस्त करते हुए पूर्व की बसपा सरकार के समय निकाले गए विज्ञापन के आधार पर ही भर्ती करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने सरकार के 26 जुलाई 2012 के शासनादेश को भी निरस्त कर दिया। इस शासनादेश में उस्मानी कमेटी को आधार बनाते हुए टीईटी के नंबरों से मेरिट नहीं बनाने की बात कही गई थी। हालांकि, प्रदेश सरकार ने अब हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दायर कर दी है। यानी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही अब आगे की कार्यवाही होगी

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (28.12.2013)
***************************


Teacher Recruitment News

Facebook par TET Merit Morcha ka kehna ki -
Govt ki SLP mein truti thee aur isko Govt. ko sahee karne ka time Hai, Unka yeh bhee kehna hai ki sab TIME khinchne ke liye kiya jaa rahaa hai

Arhta Vs Patrta aur Bhram
Abhee oopar kee news mein pada ki -
इसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई। सपा सरकार ने 31 अगस्त 2012 को एक शासनादेश जारी कर टीईटी को महज एक अर्हता परीक्षा माना।

News mein Kabhee bataya jaata Hai ki SP Govt ne TET exam ko sirf Patrta Pariksha Maana, Aur Abhee news ki line mein likha hai ki isko Arhta Pariksha Maana Hai

Logon ki Jaankaree ke liye Shuddh Bhasha mein ham batate hai ki -

NCTE Niyamanusaar TET marks ko Selection mein weightage dee jaye, arthat TET anko ko selection mein Upyog mein Liya jaye :
****************
 एन  सी  टी ई ने साफ़  शब्दों  में कहा  है  कि टी ई टी अंकों को  चयन  में वेटेज दीया जाये  -

तो साफ है कि ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है

9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process;
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for
appointment
( Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score.
(Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )

अगर ये  ये पात्रता परीक्षा है, तो अंकों के सुधार का क्या मतलब
*****************************
BSP Govt. ne TET marks ka Full weightage Le Liyaa aur Court ne Usko NCTE Niyam Virudd Nahin Maana
Halanki TET Exam ko Pass Karne Waala Bhrtee Ka Paatra Ban Jaata Hai, Lekin Bhrtee ke Paatr Banne Ke Baad Bhee TET ko Pass karna Nokri ke Gurantee Nahin Hai.

SP Govt. ne TET Exam mein Aniyamittayen Payeen aur TET Pariksha ko Sirf Patrta Pariksha Ghoshit Karte Hue Chayan Kaa Aadhaar Badal Diya Thaa

Halanki High Court ne in Aniyamittaon ko Gambheer Na Maante Hue, Bhrtee ko BSP Govt ke Poorv Vigyapan Se Karna kaa Aadesh Jaaree Kiya Jis se Imaandaar TET Merit Holder ka Ahit Na Ho.
Saath Hee Poorv Vigyapan ko NCTE Niyam Virudd Nahin Maana



4 comments:

  1. tet se hi honi chahiye nahi sarkare loot lengi IM4U

    ReplyDelete
  2. ek bar tet dusari bar acad tisari bar tet+aca chauthi bar ...... isaki chhoot kisi govt ko kabhi n mile .

    ReplyDelete
  3. tet se hi honi chahiye nahi sarkare loot lengi IM4U

    ReplyDelete
  4. Yeah pado bachpan yaad aa jayega ..... ek ek line padna
    # जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
    और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
    अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
    |

    # जब हमें जब जब लगता की हम
    विडियोगेम में हारने वाले हैं हम गेम
    री-स्टार्ट कर देते थे |

    # जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
    वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
    सभी के बटन को एक साथ दबाने
    की कोशिश किया करते थे |

    # जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
    ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके
    लेकिन कभी कभी वहां से चल भी देते थे
    क्यूंकि सामने से आने
    वाला बंदा बड़ी देर कर
    रहा होता था |

    # जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
    थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के
    बिस्तर तक पहुचा दे |

    # सोचा करते थे की ये चाँद
    हमारी साइकिल के पीछे पीछे
    क्यों चल रहा हैं |

    # On/Off वाले स्विच को बीच में
    अटकाने की कोशिश किया करते थे |

    # पानी की 2 बूंदों को खिड़की से
    बहा के उनके बीच रेस लगवाया करते थे|

    # फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
    थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |

    # बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
    ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

    # फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
    की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
    कब बंद होती हैं |

    # रूम में आते थे पर किसलिए आये
    वो भूल जाते फिर बाहर जाके याद
    करने की कोशिश करते |
    =====

    सच , बचपन में सोचते हम बड़े
    क्यों नहीं हो रहे ?
    और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?

    ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो ..भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
    मगर मुझको लौटा दो बचपन
    का सावन ....वो कागज़
    की कश्ती वो बारिश का पानी
    मेरे तो आँसु ही निकल गये लिखते लिखते ;-(

    ReplyDelete

To All,
Please do not use abusive languages in Anger.
Write your comment Wisely, So that other Visitors/Readers can take it Seriously.
Thanks.