टीईटी फार्म जमा करने के लिए हंगामा
(UPTET : Problems/dispute over form submission for UP Primary Teacher-PRT)
जागरण संवाददाता,इलाहाबाद: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के अभ्यर्थियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। टीईटी फार्म जमा करने के लिए डाकघरों पर लंबी कतारें लग रही हैं। आरएमएस, सिविललाइंस में प्रधान डाकघर, सिटी डाकघर और कचहरी डाकघरों में काउंटरों की संख्या कम होने से सुबह से ही अभ्यर्थियों की लाइन लग रही है। आरएमएस पर इस कड़ाके की ठंड में भी अभ्यर्थी फार्म जमा करने के लिए रविवार से ही जुटे हैं। रात में भी हजारों अभ्यर्थी फार्म जमा करने के लिए ठिठुरते खड़े रहे। फार्म जमा करने को लेकर कई बार हंगामा भी हुआ। अभ्यर्थियों का आरोप है कि अलाव की भी व्यवस्था नहीं है। टीईटी फार्म भरने की आखिरी तिथि 23 दिसंबर है। पहले अधिकतम पांच जिलों में अभ्यर्थी फार्म भर सकते थे। लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब वह सूबे के किसी भी जिले एवं कितने भी जिले में फार्म भर सकते हैं। अभ्यर्थियों को यह भी सुविधा है कि एक जिले में बैंक ड्राफ्ट की मूल प्रति और अन्य जिलों में फार्म के साथ उसकी छाया प्रति लगाकर भेज सकते हैं। ऐसे में एक-एक अभ्यर्थी कई फार्म भर रहे हैं। फार्म के साथ स्टैंप एवं अन्य दस्तावेज लगाने के कारण काफी समय लग रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि छोटे डाकघरों में स्पीड पोस्ट की सुविधा है लेकिन सुबह 10 से अपराह्न 1 बजे के बीच बिजली न होने से वहां फार्म नहीं जमा हो रहा है। कई डाकघरों में कर्मचारियों की कमी से भी स्पीड पोस्ट नहीं हो रहा है। ऐसे में मजबूर होकर उन्हें आरएमएस, सिटी डाकघर, प्रधान डाकघर और कचेहरी डाकघर फार्म भरने के लिए जाना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इन डाकघरों में दो काउंटर होने से उन्हें लंबी कतारें लगानी पड़ रही है। आरएमएस में 24 घंटे रजिस्ट्री एवं स्पीड पोस्ट की सुविधा होने से सैकड़ों अभ्यर्थी (छात्र-छात्राएं) ठिठुरन भरी रात में जागकर कतारें लगाए खड़े थे। महिला अभ्यर्थियों का आरोप था कि तीन घंटे के बाद लिपिक एक घंटे की छुट्टी पर चला जाता है। दो पुरुष अभ्यर्थियों के बाद उनका फार्म जमा किया जा रहा है। उनके लिए अलग काउंटर की व्यवस्था नहीं है। कई जिलों से आए अभ्यर्थियों का आरोप था कि पैसा लेकर फार्म जमा किया जा रहा है।
News : Jagran (20.12.11)
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However UPTET announced revised advertisement/vigyapti, and last date for form submission extended upto 09-01-2012
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जान पर भारी नौकरी की जिद
इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक बनने की होड़ में शामिल अभ्यर्थियों पर जान की बन गई है। हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में भी सेहत की चिंता छोड़कर सैकड़ों अभ्यर्थी रविवार को देर रात तक जंक्शन स्थित आरएमएस काउंटर पर लाइन में लगे रहे। इस भीड़ में सैकड़ों महिलाएं भी शामिल रहीं जो सुबह 10 बजे से ही लाइन में लगी थीं। इसके बाद भी बारी कब तक आएगी यह कहना मुश्किल था। कुछ महिलाएं तो बच्चा लेकर भी पहुंची थीं। आरएमएस पर यह आलम शनिवार सुबह से ही है तथा फार्म जमा करने वालों का क्रम टूटा नहीं है।हाईकोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने मात्र पांच जिलों से आवेदन की पाबंदी हटा ली है तथा अभ्यर्थी सभी जगहों के लिए फार्म भर सकते हैं। चूंकि एक से अधिक जिलों के लिए भी मात्र एक बैंक ड्राफ्ट लगाना है। इसलिए अभ्यर्थियों को फीस की भी चिंता नहीं है। ऐसे में अभ्यर्थी भी कोई मौका चूकना नहीं चाहते तथा वे अधिक से अधिक जिलों से फार्म भरना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें मात्र 23 दिसंबर तक का समय दिया गया है। यानी, अब मात्र पांच दिन शेष बचे हैं। ऐसे में फार्म पहुंचने में देरी न हो जाए इसलिए वे एक दिन भी इंतजार नहीं करना चाहते। इसलिए रविवार को डाकखाने बंद होने के कारण आरएमएस पर फार्म जमा करने वालों की लंबी कतार लगी। आलम यह रहा कि रात में 12 बजे भी सुबह से लाइन में लगे अभ्यर्थियों की बारी नहीं आई थी। कविता, वंदना आदि ने बताया कि वह एक बजे से लाइन में लगी हैं। अब भी उनकी बारी आने में दो घंटे लगने की बात कही जा रही थी। इसकी वजह से महिलाएं काफी थक गईं थी तथा वहीं अखबार आदि बिछाकर बैठ गई थीं। जबकि पूरा स्टेशन कुहरे से ढक गया था तथा ठंड से बुरा हाल था लेकिन नौकरी की जिद इन सब पर भारी थी। कुछ ने तो कंबल आदि भी घर से मंगा लिए थे। अफसरों के अनुसाद दो दिन में मात्र आरएमएस से ही 10 हजार से अधिक फार्म बुक हो चुकेNews : Amar Ujala (19.12.11)
kya koi yeh bata sakta hai ki phele kiye gaye avedan me 10Rs. Ka stamp lagana tha ya nhi. Kyoki aaj ki news se confusion ho gaya hai.
ReplyDeleteNaya advertisement aa gaya hai usko dekh lo
ReplyDeleteim also confused
ReplyDeletenew vigyapti mai to aisa kuch bhi nahi he plz clear
ReplyDeletenaya advertisment kis website par he
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