यू पी बोर्ड के अभ्यार्थीयों के साथ उत्तर प्रदेश में भेद भाव क्यों
Why discrimination against UP Board Candidates , in UP
जब आई आई टी में प्रवेश के लिये सी बी एस ई के 78 % , यू पी बोर्ड के 65 % के बराबर माने हैं , तो यू पी अपने ही बोर्ड के छात्रों के साथ क्यूँ भेद भाव करता है |
बी टी सी / एल टी ग्रेड में अकादमिक अंकों के आधार पर चयन , यू पी बोर्ड के छात्रों को बेहद नुक्सान पहुंचा रहा है |
और उत्तर प्रदेश सरकार को अभ्यार्थीयों की इस समस्या की और ध्यान देना बेहद जरुरी है
क्या इस बात को राज्य सरकार नही जानती कि u.p बोर्ड & अन्य बोर्डो की मार्किग किस प्रकार होती है, 80% से उपर UP बोर्ड मे गिने चुने ही पाते है जबकि अन्य बोर्डो मे इनकी सख्या अधिक होती है , क्या UP बोर्ड अभ्यर्थी के साथ यही न्याय है ? सरकार हमेशा कह रही है कि न्याय होगा , आखिर कब न्याय मिलेगा। इसकी भी एक समय सीमा होनी चाहिए।
ReplyDeleteअब किसी भी पद पर मन्त्री की नियुक्ति से पहले एक ऐसी प्रक्रिया से चयनित किया जाय (नेता पात्रता परीक्षा), जिससे अनपढ & अयोग्य मन्त्री न हो जिसे यह भी पता नही कि इण्टर पास और स्नातक B.Ed का अन्तर ही नही पता , कौन पहले आता है इण्टर या स्नातक। एसे भ्रष्ट नेता भी है जिन्होने अपनी जीत के लिए वादे जो खोखले साबित हुए, बेरोजगारी भत्ता उनमे से एक है, एक खबर के अनुसार 17000 लोगो मे केवल 46 ही पात्र पाये गये ( अमर उजाला), अब साफ है , इधर सरकार TET वालो को भी उलझाये हुए है, न तो पक्ष मे न तो विपक्ष मे बोल रही है।
ReplyDeleteJb suru me tet only eligbilty test tha .agar wahi rahta to sala koi nahi kuch kahta.ab tet ke exam ka standard low aa gaya to sabi ne bazi mar li aur hero banne lage
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