Saturday, June 2, 2012

UPTET : बड़ा ही दुःख होता है - सी. टी. ई. टी. / टी. ई. टी. अभ्यर्थीयों की पीड़ा देख कर


UPTET/CTET /HTET/RTET : बड़ा ही दुःख होता है - सी. टी. ई. टी. / टी. ई. टी. अभ्यर्थीयों की पीड़ा देख कर 

जब इन परीक्षाओं का कोई उपयोग नहीं तो परीक्षा क्यूँ कराई जाती है , क्यूँ अभ्यर्थी यों का मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है 
परीक्षाओं की तैयारी में , फॉर्म भरने में , लाइन में लगने में अभ्यर्थी यों का कीमती समय ऐसे ही चला जाता है 

आर टी ई योजना को लागु करने में करोड़ों देशवासीयों के खून पसीने की कमाई टेक्स के माध्यम से लगी हुई है | एन सी टी ई ने नियम तो बना दीये परीक्षा कराने के लिये कि -
1. सी टी ई टी / टी ई टी परीक्षा के अंकों को चयन में महत्व दीया जाये 
2. आप बार बार परीक्षा देकर अंक वृद्दी कर सकते हैं ( जैसा कि इसके अंकों का महत्व है )

राजस्थान में पिछले वर्ष टी ई टी परीक्षा के माध्यम से बी. एड धारीयों की भर्ती नहीं हुई और इस वर्ष एन सी टी ई के नियमों का हवाला दीया गया कि 1 जनवरी 2012 के बाद , बी एड धारी प्राथमिक शिक्षक बनने  के पात्र नहीं |
(फिलहाल अभी राजस्थान में बी. एड धारीयो को ग्रेड तृतीय  श्रेणी परीक्षा लेवल प्रथम में बेठने से रोका गया है , और मामला उच्चतम न्यायलय में विचार धीन हैं )

हरयाणा में अतिथी शिक्षकों को टी ई टी परीक्षा से छूट दी गयी है जिसका एच टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थीयों ने पुर जोर विरोध  किया है और कहा है कि जब एन सी टी ई  के दिशा निर्देशों के अनुसार योग्य अभ्यर्थी मोजूद हैं तो अतिथी  शिक्षकों को छूट देने का चलवा क्यूँ |

उत्तर प्रदेश में भी आये दिन ख़बरें आती रहती हैं - कि टी ई टी एक पात्रता परीक्षा है जिसका चयन से कोई मतलब नहीं , बड़े बड़े मंचों (शिक्षा विद  , न्यूज़ पेपर )
ऐसे लोग गेर जिम्मेदाराना बातें बड़ी आसानी से कह देते हैं जिनको सामान्य लोग भी जानते हैं कि एन सी टी ई के नियम क्या हैं , कोर्ट ने क्या कहा , सरकारी नियम आदेश क्या हैं 
(उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिये )

आज उत्तर प्रदेश में लाखों शिक्षकों के पद खाली हैं और लगभग उतनी ही मात्र में अभ्यर्थीयों के संख्या मोजूद है |
अभी हाल ही में खबर आयी थी कि एन सी टी ई ने उत्तर प्रदेश में बी एड धारीयों को आगामी प्राथमिक शिक्षकों की टी ई टी परीक्षा में छूट से इंकार किया है और कहा हैं कि पहले यु पी टी ई टी २०११ उत्तीर्ण अभ्यर्थीयों 
की भर्ती करे जिसका मामला अभी न्यालय में विचाराधीन है |
न्यायलय  में एक विज्ञापन  को निकलने के अधिकार को लेकर मामला चल रहा है और किसी प्रक्रिया में बदलाव को लेकर मामला नहीं चल रहा |
हाई कोर्ट पहले ही कह चूका है कि टी ई टी परीक्षा से भर्ती पूर्णता नियमानुसार है व न्याय संगत है (यह बातें पूर्व सरकार के कार्य काल में कही गयी थी , तब निर्णय फटाफट आ जाते थे चाहे वो परीक्षा परिणाम संसोधन हो या विज्ञापन संशोधन - ५ जिले की जगह सभी जिलों से आवेदन ) 

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कई बार भर्ती पर स्थिती स्पष्ट करने की बात कही , पर सिर्फ समाचार पत्रों ने ही बताया कि उत्तर प्रदेश न्याय विभाग ने  - टी ई टी मेरिट से चयन के आधार पर सहमति दी है क्योंकि यह विधी सम्मत है |
अगर प्रक्रिया में कोई भी छेड़ छाड़ होती है तो मामला सालों साल अदालत में चलेगा और उसके बाद भी  टी ई टी मेरिट से चयन पर फेसला चले जायेगा |

हालाँकि उत्तर प्रदेश सरकार को कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है |
हाल ही में निकाय चुनाव कि घोषणा हो गयी है , राजनीतिक नफा नुक्सान ( जैसा कि समाचार पत्र में सुनने में आ रहा है ) भी एक पेचीदगी हो सकती है |
राजनीती में सबको खुश रखना बेहद मुश्किल है 

2 comments:

  1. Dosto, Hon'ble judge Arun Tundon ji ne state gov aur ncte se patrawali talab ki hai,tet me huwe sanshodhan aur dhandhli,samiti ki report,samiti ki janch ka aadhar,janch ki karyawahi ragister(with date and sign),janch ki vishay vastu sambandhi puri patrawali talab ki hai,sarkar fas chuki hai,wo jyada der nahi kar sakti,filhal sarkar k paas paryapt samay hai court ko report uplabdh karane ka. Wo hume bahka sakta hai court ko nahi. Just wait...

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  2. शिक्षा मन्त्री ने तो शिक्षा मित्रो के लिए साफ तौर से बता रहे कि training के बाद नियमित हो जाएगे लेकिन TET अभ्यर्थी के लिए क्या व्यवस्था है इसकी कोई जानकारी नही दी। वे इस बारे मे जानकारी देने का कष्ट करे।

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