Sunday, May 13, 2012

UPTET : उर्दू शिक्षकों की भर्ती का मामला , टीईटी की अनिवार्यता खत्म होगी !


UPTET : उर्दू शिक्षकों की भर्ती का मामला , टीईटी की अनिवार्यता खत्म होगी !


•यूपी सरकार करेगी एनसीटीई से अनुरोध

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता खत्म करने की तैयारी है। शासन में इस संबंध में उच्चाधिकारियों की बैठक हो चुकी है। इसको लेकर प्रदेश सरकार शीघ्र ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुरोध करेगी। वहां से अनुमति के बाद मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों के लिए छह माह की ट्रेनिंग देकर 3480 पदों पर उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती होगी

प्रदेश में वर्ष 1994-95 में प्राइमरी स्कूलों में उर्दू के सहायक अध्यापक रखे गए थे। विभाग ने मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लेमा इन उर्दू टीचिंग उपाधि को इसके लिए पात्र माना था, लेकिन बाद में इन उपाधियों को अपात्र बताया गया। मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें फैसला उनके पक्ष में हुआ। राज्य सरकार ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि 29 जून 2011 को तत्कालीन मायावती सरकार ने एसएलपी वापस लेकर इन उपाधिधारकों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय कर लिया। 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों को पात्र माना गया
इस आधार पर नवंबर 2011 में टीईटी में इनको शामिल होने की अनुमति दी गई, लेकिन ये टीईटी दिए बिना ही शिक्षक बनना चाहते थे। कुछ उपाधिधारक टीईटी में शामिल हो गए थे, लेकिन अधिकतर शामिल नहीं हुए इन लोगों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर शिक्षक बनाने की मांग की। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन में उच्चाधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि एनसीटीई से मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग उपाधिधारकों को इससे अलग करने का अनुरोध किया जाएगा

News : Amar Ujala (13.5.12)

2 comments:

  1. Ye sab muslim tushti karan ki neeti hai. Inhe without tet hi niyukti karni thi to inhe primary k tet me shamil kyo karaya gya.ye government bhrasht aur gudvatta virodhi hai. Is tarah hi chalta raha to U.P. Ka vikas 5000 saalo me hoga.

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  2. aisa hi chalta raha to up vikas nahi vinash ki aur agrasar hogi. yahan yogyata aur gudvatta ka koi mol nahi hai.

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