UPTET : फूटा टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा
लखनऊ, 29 मई (संसू): बार-बार बस कोरा आश्र्वासन..। आखिरकार एक बार फिर टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा)अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी में मंगलवार को हजारों टीईटी अभ्यर्थी फिर सड़क पर उतर आए। विधानसभा भवन के सामने उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस के बल प्रयोग से कई बार भगदड़ मची, जिसमें दर्जनों युवाओं व लड़कियों को चोटें आईं।
सायंकाल सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार सुबह ही चारबाग पर टीईटी अभ्यर्थियों का जुटना शुरू हो गया था। चारबाग से आगे बढ़ते ही सैकड़ों अभ्यर्थियों को रोक लिया गया और उन्हें उत्तर रेलवे के स्टेडियम ले जाया गया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। हजारों की संख्या में अभ्यर्थी विधानसभा के सामने धरना स्थल पर पहुंच गए और सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने बल पूर्वक उन्हें सड़क से उठाकर किनारे करना शुरू कर दिया, इससे भगदड़ मच गई। भगदड़ में कई लोग चोटिल हो गए। सीतापुर से आए शिवपाल सिंह, हरदोई से आई ट्विंकल यादव, आजमगढ़ से आए आजाद यादव, मधुकर वर्मा, हरदोई से आए पंकज यादव, अवनीश यादव, कानपुर से आए प्रवीन सचान, रमा त्रिपाठी और उन्नाव से आए अतुल तिवारी समेत कई लोग घायल हो गए।
गरमी और भगदड़ की वजह से दो-तीन युवक अचेत हो गए। एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भगदड़ मचने पर अभ्यर्थी दारुलशफा में घुस गए और धरने पर बैठ गए। लगभग पांच बजे पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन उठाने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इस पर करीब पांच सौ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अभ्यर्थियों की अगुआई कर रहे राजेश प्रताप सिंह का कहना था कि सरकार उन्हें बार-बार कोरा आश्र्वासन दे रही है।
सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले टीजीटी-पीजीटी की नियुक्तियों पर से रोक हटा ली, लेकिन टीईटी पर आचार संहिता का बहाना बनाकर प्रतिक्रिया से बच रही है।
News : Jagran (30.5.12)
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