UPTET/BTC : टी ई टी और नया विज्ञापन
बहुत से अभ्यर्थी , इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्णय से बेचेन हैं कि बी टी सी / विशिष्ट बी टी सी की अभ्यर्थीयों के लीए अलग विज्ञापन निकले जाने का क्या मतलब है |
मेरा मानना है कि बी टी सी / विशिष्ट बी टी सी भी बी. एड . की तरह एक कोर्स है और हो सकता है कि टी ई टी पात्रता मान कर छूट सिर्फ उन्ही अभ्यर्थीयों को मिली हो , जिनके बी टी सी साथी / बेचमेट पहले ही नियुक्ति
पा चुके हैं पर टी ई टी अनिवार्यता के चलते उन्हें इस पात्रता परीक्षा को पास करना था |
परन्तु नयी नियमावली के अनुसार शिक्षकों का चयन टीईटी मेरिट के अनुसार है |
साथ ही नए विज्ञापन से बीटीसी अभ्यर्थीयों के चयन की बात , टी ई टी परीक्षा को पास करने वालों के लीए एक खुश खबरी की तरह है कि अब टी ई टी परीक्षा निरस्त होने की बात करना बेबुनियाद है क्यूंकि
बिना टी ई टी परीक्षा के प्राथमिक शिक्षकों का चयन आर टी ई / एन सी टी ई के नियमों का उल्लंघन है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लीए इस को पूरे देश में समानता के साथ लागु कर दिया गया है
अब हो सकता है कि बी.एड अभ्यर्थी यों के लीए खुश खबरी भी हो क्योंकी अगर बी टी सी / विशिष्ट बी टी सी अभ्यर्थीयों का चयन अलग से किया जाता है अर्थात ७२८२५ के अतिरिक्त नयी वेकेंसी पर किया जाता है ,
तो कई और अभ्यर्थी यों को अवसर मिल सकता है |
कारण - अगर बी टी सी अभ्यर्थी कम अंक पा कर सिर्फ टी ई टी पात्रता को मानते हुए भर्ती हो जाता है , और बी एड अभ्यर्थी अधिक अंक पा कर भर्ती नहीं हो पता है तो समानता के नियम का उल्लंघन कहलायेगा
इसको संतुलन में लाने के लीए नयी रिक्तिओं पर भर्ती का विज्ञापन निकला जा सकता है |
वैसे भी यु पी सरकार, शिक्षकों की बेहद कमी से जूझ रहा है और उसको इस सत्र में बहुत सारे योग्य शिक्षक मिलने जा रहे हैं , एक साथ इतने सारे टी ई टी क्वालीफइड शिक्षक मिलने से उत्तर प्रदेश सरकार की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा और शिक्षक छात्र अनुपात भी सुधर जायेगा |
कह सकते हैं - नयी सरकार के लीए सोने पे सुहागा और प्राथमिक शिक्षा का कल्याण होने जा रहा है
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