Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया - तीन चरणों में होगा दस्तावेज का सत्यापन
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- शिक्षक भर्ती में धांधली रोकने की कवायद
लखनऊ। सूबे के राजकीय
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के
टीईटी व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन तीन चरणों में होगा। यह
कवायद इसलिए की जा रही है ताकि कोई भी अभ्यर्थी जाली प्रमाण पत्रों से
नौकरी न पा सके। इतना नहीं जांच में जाली प्रमाण पत्र मिलने पर उसे नौकरी
से हटाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सचिव बेसिक शिक्षा
हीरालाल गुप्ता कहते हैं प्रशिक्षण अवधि के दौरान ही प्रमाण पत्रों का
सत्यापन करा लिया जाएगा। गड़बड़ी करने वालों को किसी कदर छोड़ा नहीं जाएगा।
प्रदेश में सबसे पहले नवंबर
2011 में टीईटी आयोजित कराई गई। इसमें धांधली की शिकायत पर तत्कालीन
माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जेल भेजा जा चुका है। प्राथमिक विद्यालयों में
72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट और उच्च प्राथमिक में गणित-विज्ञान
के 29,334 शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट पर की जा रही है। इन दोनों
शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में टीईटी पास करने वाले युवाओं ने
आवेदन कर रखा है। लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के
लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
शिक्षक भर्ती के दौरान
प्रमाण पत्रों की जांच खासकर टीईटी प्रमाण पत्रों का सत्यापन काफी बारीकी
से कराया जाएगा। पहले चरण में काउंसलिंग के दौरान ही इसकी जांच होगी। इसके
बाद जिला स्तर पर और सबसे अंत में विभागीय स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी।
प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी का अंदेशा होने पर रमाबाई नगर की पुलिस के पास
जो दस्तावेज मौजूद हैं उससे भी इसका मिलान कराया जा सकता है और जाली प्रमाण
पत्र के सहारे नौकरी पाने की पुष्टि होने पर संबंधित को नौकरी से हटाते
हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी
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