Saturday, July 14, 2012

UPTET : पुलिस की रणनीति पर भारी प्रदर्शनकारी



UPTET : पुलिस की रणनीति पर भारी प्रदर्शनकारी


जागरण संवाददाता, लखनऊ : विधान भवन के समक्ष अपनी मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन करने वालों से निपटने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले आयुष डॉक्टरों का हंगामा व उन पर लाठीचार्ज और गुरुवार को टीईटी अभ्यर्थियों का बर्लिग्टन चौराहे पर दिनभर चला प्रदर्शन। दोनों ही मामलों में पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने में फेल नजर आई है। दोनों प्रदर्शनों से पहले प्रशासन और पुलिस को सूचना थी कि बड़ी तादात में प्रदर्शनकारी विधान भवन की ओर कूच करेंगे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने तैयारी भी की थी, लेकिन हजारों की संख्या में आए प्रदर्शनकारियों को वक्त रहते शहर में दाखिल होने से पहले पुलिस नहीं रोक सकी। प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के लिए कई थानों की पुलिस, एएसपी, सीओ व पीएसी के जवानों को लगाया गया, लेकिन वे जूझते नजर आए। पुलिस की मौजूदगी में गुरुवार को टीईटी अभ्यर्थियों ने दिनभर बर्लिग्टन चौराहा जाम कर प्रदर्शन किया। हालांकि जाम की स्थित भीषण होती देख वैकल्पिक मार्गो पर यातायात परिवर्तित किया गया, लेकिन इन मार्गो पर यातायात पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से हालात लगातार बिगड़ते रहे। गुरुवार रात तक पुलिस ने हजरतगंज से चारबाग की ओर आने वाले यातायात को रोका नहीं था। बर्लिग्टन चौराहे पर पहुंचने के बाद वाहन स्वामियों को जैसे-तैसे वापस होना पड़ रहा था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दूसरी जगह ले जाने के लिए बसें भी मंगवाई थीं, लेकिन वह उन्हें चौराहे से उठाने में नाकाम रही। ऐसे हालात में प्रदर्शनकारी कभी भी उग्र होकर कानून-व्यवस्था व नागरिकों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। हालात बिगड़ने पर गुरुवार रात पुलिस ने टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठियां भी चलाई और 11 अभ्यर्थियों को गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया। पूर्व में धरना स्थल के स्थानांतरण को लेकर कई बार हंगामा हो चुका है। शहीद स्मारक पर हुए भारी पथराव के बाद पुलिस की लाठियों से बचने के लिए सैकड़ों प्रदर्शनकारी गोमती में कूद गए थे। इसके बाद झूलेलाल पार्क में धरना स्थल बनाया गया था। अब विधान भवन के समक्ष धरना स्थल फिर से स्थापित करने के बाद शहर के मुख्य मार्ग पर जाम की समस्या बड़ी मुसीबत बनती नजर आ रही है। वहीं एसएसपी आशुतोष पांडेय का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का अधिकार हर नागरिक को है। धरना स्थल सांकेतिक प्रदर्शन के लिए है। वहां कुछ लोगों को ही अपनी मांगों को लेकर जुटना चाहिए। प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने पर उनसे निपटने के पर्याप्त बंदोबस्त किए जाएंगे, ताकि नागरिकों को बेवजह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े


News Source : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=37&edition=2012-07-14&pageno=8#id=111745292173732384_37_2012-07-14 / Jagran (14.7.12)
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It looks change of Dharna Sthal causes problems. It is very good thinking of SSP Ashutosh Pandey -
People have rights to put their demand peacefully . (Also within constitution, like freedom of expression along with peace)

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