Tuesday, May 1, 2012

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टीईटी परीक्षा
सकारात्मक रुख के साथ फैसला दो मई तक सुरक्षित
नियम विरुद्ध निकाले गए भर्ती विज्ञापन को किया था चैलेंज




बड़ौत, जागरण कार्यालय : प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की 72,825 पदों पर भर्ती से संबंधित केस में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सकारात्मक रुख अपनाया है। सोमवार को आधे घंटे की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने अपना फैसला दो मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट के सकारात्मक रुख से जहां शिक्षक भर्ती के बहाल होने के उम्मीद जगी है, वहीं केस लड़ रहे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बांछें खिल गई हैं।
अध्यापक सेवा नियमावली के विरुद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं करने के मामले में हाइकोर्ट ने वादी-प्रतिवादी पक्ष को सुना। कोर्ट में मौजूद रहे टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिला प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने वादी अधिवक्ता से पूछा कि उन्हें किस बात पर आपत्ति है। वादी अधिवक्ता ने बताया कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन सक्षम अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया है, जो अध्यापक सेवा नियमावली (1961) के विरुद्ध है। इस पर कोर्ट ने वादी अधिवक्ता से पूछा कि क्या टीईटी के आधार पर बनाई जाने वाली मेरिट पर तो कोई ऐतराज नहीं है। वादी अधिवक्ता ने कहा कि टीईटी मेरिट को भर्ती का आधार बनाने पर कोई दिक्कत नहीं हैं। न्यायमूर्ति ने नियम के मुताबिक विज्ञापन जारी करने की बात कहते हुए अपना फैसला दो मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। इधर, इस संबंध में सोमवार को मैनपुरी में जारी एक बयान में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर टीईटी पर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया जाएगा। बहरहाल, हाई पावर कमेटी की जांच के बाद जहां टीईटी को निरस्त किए जाने की संस्तुति राज्य सरकार से की जा चुकी है, वहीं कोर्ट इतनी बड़ी तादाद में उत्तीर्ण अभ्यथिर्यों के प्रति सहानुभूति रुख अपनाते हुए इस भर्ती को रद करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है।





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