Wednesday, May 2, 2012

UPTET : टी ई टी अभ्यार्थीयों की पीड़ा


UPTET : टी ई टी अभ्यार्थीयों की पीड़ा 

आज सुना जा रहा है की इलाहबाद हाई कोर्ट ने टी ई टी अभ्यार्थीयों के नियुक्ति विज्ञापन (कि सचिव द्वारा बी एस ए की और से विज्ञापन जारी करना सही है या गलत ) की सुनवाई तारीख फिर बड़ा दी है |
और अब ये 15 मई हो गयी है |
कुछ लोगो का तर्क है कि बी टी सी अभ्यार्थीयों  की नियुक्ति को इस विज्ञापन से जोड़ने के कारण हाई कोर्ट  ने एक नयी तारीख दी है |
पर ये तर्क खरा नहीं उतरता , जब  टीईटी मेरिट होल्डर राज्य व  केंद्र  सरकार के शासनादेश / नियमों के तहत नियुक्ति पाने के हकदार हो गए , तब अंत समय में प्रक्रिया में बदलाव नहीं हो सकता |
गेम के नियम शुरू में तय किये जाते हैं न की तब जब गेम समाप्ति की और हो |

दिन ढलते जा रहे हैं और अभ्यार्थीयों की बेचेनी बदती जा रही है | 
अभी तक  राज्य सरकार ने भी स्पष्ट नहीं किया है कि टीईटी अभ्यार्थीयों कब व कैसे होगी |

हालाँकि टीईटी अभ्यार्थीयों की नियुक्ति नियमानुसार मजबूत है क्योंकि सभी नियम उनकी भर्ती को वेध बता रहे हैं |
अभी तक धांधली के आरोप अदलत में साबित हुए हैं की नहीं ये भी पता नहीं चल पाया है |
धांधली का इमानदार अभ्यार्थीयों से क्या सम्बन्ध और सजा के पात्र तो दोषी अभ्यर्थी ही होते हैं , इस समय टीईटी अभ्यार्थी गंभीर मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं और इस सबको उनका परिवार भी भुगत रहा है |

कई अभ्यार्थीयों का तर्क है -
कि पहले तो इलाहबाद हाई कोर्ट  ने विज्ञापन  में संशोधन (  आवेदन ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में ), रिज़ल्ट में संशोधन का आदेश बहुत जल्दी दे दिया था पर अब 
जबकि एक ऐसे व्यक्ति ने याचिका सिर्फ मामले को अटकने के लिये डाली है 
१. क्योंकी न तो उसके अधिकारों का हनन  हो रहा है (व्यक्ति कोई बी एस ए  नहीं )
२. विज्ञापन सचिव निकाले या बी एस ए , उससे उस व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ना 
तो ऐसे मामले में इतनी देरी क्यों 

और अब अभ्यार्थी क्या करें न तो वे विज्ञापन निकलने के अधिकारी थे न ही ईमानदार अभ्यार्थीयों  का धांधली से कोई सम्बन्ध |

उनकी पीड़ा समझने वाला कोई नहीं |
मीडिया भी आये दिन भ्रामक ख़बरें दे चुका / रहा  है -
कभी खबर आती है कि टीईटी परीक्षा सिर्फ पात्रता है  ( जबकी एन सी टी ई ने साफ़ शब्दों में कहा है कि ये परीक्षा चयन का आधार देती है ,और  अभ्यार्थी  परीक्षा में दोबारा से  बेठ   सकते हैं अंक वृद्दि हेतु )
कभी खबर आती है कि चयन का आधार बदल जायेगा ( चयन के नियम राज्य व केंद्र सरकार ने तय किये हैं तो जब टीईटी मेरिट होल्डर चयन के पात्र हो चुके हैं तो अब नियम में बदलाव कैसे संभव है )
कभी खबर आती है कि टीईटी परीक्षा में धांधली हुई और टीईटी परीक्षा निरस्त हो जायगी ( अगर कहीं धांधली हुई तो दोषी अभ्यर्थी को सजा दी जायगी या सभी को , अभी तक किसी अभ्यर्थी का दोष साबित हुआ कि नहीं ये भी स्पष्ट नहीं | अगर सजा दोषियों को नहीं मिलेगी तो फिर एक नयी धांधली की सम्भावना नहीं होगी क्या   )

1 comment:

  1. Case Status - Allahabad


    Pending
    Writ - A : 76039 of 2011 [Varanasi]
    Petitioner: YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
    Respondent: STATE OF U.P. & OTHERS
    Counsel (Pet.): ALOK KUMAR YADAV
    Counsel (Res.): C.S.C.
    Category: Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
    Date of Filing: 21/12/2011
    Last Listed on: 02/05/2012 in Court No. 33
    Next Listing Date (Likely): 15/05/2012
    This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. Mistake, if any, may be brought to the notice of OSD (Computer).

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