Vishist BTC UP Maharajganj : डेढ़ हजार गुरूजनों का होगा पुलिसिया सत्यापन
महराजगंज : शासनादेश को ताक पर रखते हुए बगैर पुलिसिया सत्यापन के हुई शिक्षकों की नियुक्ति व तैनाती की अब जांच कराई जाएगी। जांच में इस बिंदु पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा कि तैनात शिक्षक के विरूद्ध किसी तरह का आपराधिक इतिहास तो नहीं है। इसके अलावा भर्ती के लिए इन लोगों ने जो पता आदि दिया था वह सही है या नहीं। वर्ष 2007 व 2008 के विशिष्ट बीटीसी बैच के लोगों की सूची तक तैयार हो रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद का आदेश है कि शिक्षक की तैनाती से पूर्व उसके द्वारा लगाए गए पता प्रमाण पत्र का ज्वाइन करने से पूर्व पुलिसिया सत्यापन कराया जाए। इसके तहत यह भी आदेश है कि शिक्षक के उपर किसी तरह का आपराधिक मामला तो लंबित नहीं है इसकी भी जांच करवा ली जाए। यदि ऐसी स्थिति मिलती है तो इसके लिए जिलाधिकारी के जरिए शासन से अनुमति मांगने उसके बाद न्याय विभाग से स्वीकृति लेने का प्रावधान किया गया है।
इतने स्पष्ट आदेश के विपरीत 2007 व 2008 के विशिष्ट बीटीसी बैच के 1647 लोगों की तैनाती 2009 से 2011 के बीच कर दी गई। इन शिक्षकों को डायट कार्यालय के सत्यापन के अनुसार तैनाती मिली और ये लोग अब नौकरी कर रहें हैं।
इस बावत बीएसए श्रीकांत सिंह ने बताया कि पुलिस सत्यापन के बाद ही शिक्षकों के तैनाती का आदेश है। 2007 के बाद तैनाती पाए शिक्षकों के जरूरी दस्तावेजों का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाएगा।
इनसेट-
क्यों जरूरी है पुलिस वेरीफिकेशन
महराजगंज : बेसिक शिक्षा विभाग के जानकार मानते हैं बीते दिनों एक ही अंक पत्र पर अलग-अलग जिलों में नौकरी करते शिक्षक पाए जाने की संभावना है। तमाम लोग अपने आपराधिक इतिहास को छिपा कर नौकरी तो पा जाते हैं पर बाद में जब न्यायालय से कार्यवाही होती है तो उन्हें हटाने में दिक्कतें पेश आती है। इन स्थितियों से छुटकारा के लिए पुलिस सत्यापन जरूरी माना जाता है।
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कब की गई कितनी भर्तियां
वर्ष 2009 : फरवरी--331, जुलाई--345, सितम्बर-91, दिसम्बर-179,
वर्ष 2010 : जुलाई--24, अगस्त-18, अगस्त-14, दिसम्बर-223
वर्ष 2011 - जुलाई--101
कुल योग-1647
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