टीईटी उत्तीर्ण छात्र फिलहाल हताश
(UPTET Mirjapur: TET candidates depressed )
However , Today TET Sangarsh Morcha meet with CM Akhilesh Yadav jee , And positive indications received that Govt. will do its best to help in justice for candidates.
But status is NOT yet clear and it is believed only assurance. As matter depends on High court and investigation in TET Scam.
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मीरजापुर : जनपद में टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करने वाले छात्रों में इस समय हताशा का दौर है। किसी भी प्रकार का निर्णय न होने से वह संगठित होकर अपनी आवाज उठाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश स्तर पर इसके लिए आवाज उठायी जा चुकी है और मांग की गई है कि जिन बिंदुओं पर टीईटी आयोजित की गई थी उसी के अनुसार ही नियुक्ति की जाय। जहां तक जनपद की बात है तो दोनो पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक मिलाकर तकरीबन पांच हजार लोगों ने यह परीक्षा उत्तीण की थी। वहीं रिक्तियों की संख्या भी जनपद में हजारों में है। इसलिए लोगों को यह उम्मीद थी कि पांच वर्षो के दौरान सभी सफल अभ्यर्थियों की तैनाती हो जायेगी, चूंकि इस परीक्षा में सफल होने वालों को पांच वर्ष की वैधता दी गई थी। इसलिए सभी निश्चिंत थे लेकिन ऐन वक्त पर घोटालों का भंडाफोड़ होने से पूरी प्रक्रिया ही बाधित हो गई। अब दिन प्रति दिन खिसकते समय से यह एक मुद्दा बनता जा रहा है।
इस प्रक्रिया में शामिल अधिकांश छात्र यह मान चुके हैं कि उनकी नियुक्ति अब नहीं होनी है। उनकी मांग है कि जनपदवार आवेदन के लिए जो पांच सौ रुपये मांगे गये थे वह उनको वापस कर दिया जाय। कोई निश्चित दिशा निर्देश न होने के कारण पहले तो प्रति जनपद पांच सौ रुपया मांगा गया और फिर अंत में जब हो हल्ला मचा तो एक बार पांच सौ रुपया जमा करके कितने भी जनपद के लिए आवेदन करने की अनुमति प्रदान की गई और कहा गया कि पहले जितने लोगों ने अधिक पैसा दिया है उन सभी का पांच सौ के अतिरिक्त धन वापस कर दिया जायेगा लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया। श्रीश रंजन द्विवेदी, प्रशांत सिंह, गजेंद्र सिंह, कोमल यादव, कृष्णानंद व अन्य का कहना है कि उन लोगों ने पांच जनपदों के लिए पांच पांच सौ रुपया जमा किया लेकिन अब शिक्षा विभाग इस पैसे को डकार जाना चाहता है। एक तो नियुक्ति पर कोई फैसला नहीं हो रहा है और पैसों की बाबत भी कोई निर्देश नहीं दिया जा रहा है। अमूमन सभी सफल अभ्यर्थियों ने पहले दौर में पांच जनपदों का विकल्प दिया था। इस हिसाब से यदि पांच हजार की संख्या ऐसे अभ्यर्थियों की रखी जाय तो यह राशि तकरीबन सवा करोड़ रुपये के आस पास आती है। ध्यान रहे यह धन मात्र एक जनपद मीरजापुर के अभ्यर्थियों का है। यदि पूरे प्रदेश का जोड़ा जाय तो समझा जा सकता है कि कितने बेरोजगारों का धन सरकार दबा कर बैठी हुई है। आंदोलन की बात कही जा रही है।
News : Jagran (5.4.12)
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